हिंदू धर्म में एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं होती : जानिये इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

हमारे हिंदू रीति रिवाज को लेकर बहुत से सवाल लोगों के मन में आते हैं, कि आखिर इन रीति रिवाजों को निभाने के पीछे कारण क्या है। आखिर में ऐसा क्यों होता है। इसी तरह का एक सवाल लोगों के मन में हमेशा आता है और वह सवाल है कि हिंदू धर्म में एक ही गोत्र में इंसान को शादी क्यों नहीं करनी चाहिए।

तो आज हम आपको बताएंगे कि एक ही गौत्र में शादी क्यों नही करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा रीजन है जेनेटिक बीमारियाँ,जी हां सही पढ़ा आपने। और ये बात को साइंटिस्ट ने खुद सिद्ध किया है कि जेनेटिक बीमारी की वजह से एक गौत्र में विवाह नही करना चाहिए।

ये बीमारी आज के आने वाले जनरेशन में बहुत से पैदा होने वाले बच्चों में देखी जाती हैं।

और उन्हें इस बीमारी का सामना इसलिए करना पड़ता है क्योंकि वो अपने ही किसी गोत्र में शादी कर लेते है।

जेनेटिक बीमारियों का इलाज होना आसान बात नहीं है, इसका इलाज बहुत ही मुश्किल से होता है, वह इलाज है सप्रेशन ऑफ जींस।

जब हमारे जींस को अलग कर दिया जाएगा तभी उसका इलाज संभव हो सकता है। हमें कभी भी अपने नज़दीकी रिश्तेदारियों में शादी विवाह नहीं करना चाहिए। क्योंकि जो हमारे नजदीक रिश्तेदार होते हैं। उनके अंदर जींस सेपरेट नहीं हो पाता है, जिस कारण से हमारे जितने भी जो भी रिश्तेदार होते हैं उनके अंदर अगर किसी भी तरह की बीमारी होती है तो वह आने वाले किसी नवजात शिशु के अंदर भी हो सकती है।

ये बीमारियाँ कई तरह की हो सकती है जैसे हिमोफिलिया,कलर ब्लाइंडनेस, ऐल्बिनिज़म आदि, ऐसा ही वैज्ञानिकों ने भी यह बात सत्य मानी है कि यदि आप लोग कभी भी एक ही गोत्र में विवाह करेंगे तो ऐसी प्रॉब्लम का सामना आप लोगों को भी करना पड़ेगा।

तभी तो वैज्ञानिकों ने भी यह बात साफ और स्पष्ट रुप से कह दी है कि हिंदू धर्म इस विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जो विज्ञान पर आधारित है।

इस धर्म पर जितनी भी बातें कही गई हैं, या बताई गई है वह सब विज्ञान से जुड़ी हुई बातें हैं। जो कि हमारी जिंदगी को एक सुचारू और सही ढंग से चलाने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होती है।

अगर हम लोग कभी भी ऐसे ही अपनी एक गोत्र में शादी कर लेंगे तो हमारे आने वाली नई जनरेशन को बहुत तरह की बीमारियों से जूझना पड़ेगा। जिसका कोई इलाज हो पाना बहुत ही मुश्किल है, इसीलिए पुराने जमाने में लोग कभी भी एक गोत्र में शादी नहीं करते थे। आज भी वही रीत चली आ रही है।