पर्युषण पर्व में 11 उपवास करने वाले तपस्वी बंधुओं का किया सम्मान


बुरहानपुर - पर्युषण पर्व जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है, जिसे आत्मशुद्धि, तपस्या, और आत्मावलोकन के रूप में मनाया जाता है।
पर्युषण का शाब्दिक अर्थ है ‘पास आना’ या ‘निकटता प्राप्त करना’। इसका मतलब, यह आत्मा की परमात्मा के पास जाने और सांसारिक बंधनों से दूर होने की प्रक्रिया को बताता है।

पर्युषण पर्व के दौरान जैन अनुयायी अपने जीवन के गहरे आत्मिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने कर्मों को काटने पर ध्यान करते हैं। यह पर्व त्याग, तप, और संयम का प्रतीक है, जिसमें व्यक्ति को अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए प्रयास करने की प्रेरणा दी जाती है।
पर्युषण पर्व के दौरान किए गए उपवास आत्मा को शुद्ध करने में मदद करता है।

अरिहंत परमात्मा की असिम कृपा से चि. शुभम सुनील कुमार जी जैन एंव चि. मयंक अनिल कुमार जी जैन ने 11 उपवास तप किये गये, इस अवसर पर दौनों तपस्वियों का स्थानिय तिलक चौराहा स्थित श्री शांतिनाथ बाड़ी में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आयोजन में सम्मिलित हो कर दौनों तपस्वियों का श्री महेन्द्र कुमार पारीक, अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के पूर्व प्रांतीय संयोजक - मध्यप्रदेश द्वारा अभिनंदन कर शुभकामनाऐं प्रेषित की गई।