एकदंत * भगवान गणेश को एकदंत इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका एक दांत टूटा हुआ है * ये दांत किसने तोड़ा उससे जुड़ी अलग-अलग पौराणिक...
Read moreइस लेख में जानेंगे कि क्यों भगवान गणेश ने दो विवाह किए. कथाओं में उल्लेख मिलता है कि भगवान गणेश ब्रम्हचारी रहना चाहते थे. लेकिन ...
Read moreगणपति बप्पा को मोदक अति प्रिय है. इस लिए भगवान गणेश के जन्मोत्सव के दिन सबसे पहले मोदक का भोग लगाएं. गणेश जन्मोत्सव के दूसरे दिन...
Read moreगणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस बार गणेश जी को घर ला रहे है...
Read moreआओ जानते हैं 10 खास बातें : 1. शिव पुत्र पार्वती नंदन गणेशजी की दो पत्नियां हैं रिद्धि और सिद्धि। यह दोनों विश्वकर्मा की पुत्रिय...
Read moreएक प्रचलित कथा के अनुसार अर्धिदेविये और अर्धिराक्षसिये प्रवृत्ति वाला नर था क्रौंच. एक बार भगवान इन्द्र ने अपनी सभा में सभी मुन...
Read moreगजानन * वार्षिक गणेश चतुर्थी को गणेश जी के प्रकट होने के कारण उनके भक्त इस तिथि के आने पर उनकी विशेष पूजा करके पुण्य अर्जित करते...
Read moreगणेश विसर्जन की परंपरा गणेश चतुर्थी के आखिरी दिन गणेश जी का विसर्जन की परंपरा है। 10 दिवसीय उत्सव के अतिंम दिन को अनंत चतुर्दशी...
Read moreपौराणिक मान्यता के अनुसार सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया. ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में एक ...
Read moreगौतम बुद्ध जन्म से राजकुमार थे, लेकिन उनके जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जिसके कारण उनका मन सांसारिक जीवन से उठकर संन्यास में रम ...
Read moreबौद्ध धर्म * बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है * बौद्ध धर्म के प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम ...
Read moreआप ने अक्सर देखा होगा कि जहां भी शिव मंदिर है वहां उनकी प्रतिमा के बाहर नंदी विराजमान होते हैं , आखिर क्यों ? क्या ह...
Read moreभस्म चढ़ाने के पीछे का आध्यामिक कारण और शरीर पर इसे लगाने से मिलते हैं कौन से फायदे। क्या हैं इसके आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण ...
Read moreआखिर क्यों भगवान शिव को पसंद है बिल्व पत्र- नारदजी ने एक बार भोलेनाथ की स्तुति कर पूछा- प्रभु! आपको प्रसन्न करने के लिए सबसे उत...
Read moreभगवान शिव के शुभ चिन्ह या प्रतीक बहुत ही महत्व रखते हैं। उनके प्रत्येक शुभ प्रतीकों के पीछे कुछ न कुछ रहस्य छुपा हुआ है। यदि हम ...
Read moreभगवान शंकर का अर्द्धनारीश्वर श्रीविग्रह सृष्टि के संचालन का प्रतीक रूप तथा स्त्री-पुरुष के एक-दूसरे के पूरक होने व अनिवार्य आमे...
Read moreतीसरी आंख का महत्व भगवान शिव को त्र्यंबक, त्रैलोचन एवं त्रिनेत्र आदि के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शि...
Read moreआज हम आपको बताते हैं कि भगवान शिव को कौन-सी चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए और क्यों? हल्दी वैसे तो हल्दी और कुमकुम हर भगवान को चढ़ाया...
Read moreक्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर भोलेनाथ के गले में आभूषण के स्वरूप में नाग क्यों हैं? भगवान शिव के विराट स्वरूप की...
Read moreआइए जानते हैं और समझते हैं सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव के 108 स्वरूपों के बारे में ... भगवान शिव के 108 स्वरूप - 1. शिव-...
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