सूखे रंगों से होली नहीं खेलें :
अस्थमा के मरीज़ सूखे रंगों से होली खेलने से परहेज़ करें। सूखे रंग में मौजूद कण हवा में काफी वक्त तक तैरते हैं, जिससे ये मरीज़ के फेफड़ों में प्रवेश करके सांस लेने में तकलीफ पैदा करते हैं।
प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें :
अगर आप होली खेलना ही चाहते हैं, तो होली के लिए नेचुरल रंगों का उपयोग करें। कैमिकल बेस रंगों से अस्थमा का खतरा बना रहता है। लेकिन नेचुरल रंगों से अस्थमा के मरीजों को कम नुकसान होता है।
इनहेलर है जरूरी :
अगर आपको अस्थमा की दिक्कत है, तो हमेशा इनहेलर को अपने पास रखें। सिंथेटिक रंगों के कारण होने वाली बेचैनी से बचने के लिए आप इसका उपयोग कर सकते हैं।
अस्थमा से पीड़ित बच्चों की करें देखभाल:
होली के रंग अस्थमा से पीड़ित बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। पैरेंट्स को चाहिए कि अस्थमा से पीड़ित बच्चों की देखभाल करें उन्हें रंगों से बचाएं। ऐसे बच्चों को सूखे रंगों के संपर्क में आने से रोकें।
अस्थमा के मरीज़ हेल्दी डाइट लें :
सांस के मरीज़ों को चाहिए कि वो संतुलित आहार लें। डाइट में फोर्टिफाइड दूध, संतरे का रस और अंडे जैसे विटामिन डी युक्त फूड का सेवन करें। इनसे शरीर में आने वाली सूजन को रोका जा सकता है।
मुंह को मास्क से कवर करें: