गणेश जी की मूर्ती की स्थापना के क्या हैं नियम : आईये जानते हैं

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस बार गणेश जी को घर ला रहे हैं तो आपको कुछ बातों का पता होना काफी जरूरी है. आइए जानते हैं इनके बारे में-

मूर्ति स्थापना के नियम 

● – सफेद मदार की जड़ या फिर मिट्टी से बनीं गणेश प्रतिमा (Ganesha Ji Ki Murti) की पूजा करना शुभ माना गया है. आप चाहें तो सोना, चांदी, तांबे से बनीं प्रतिमा की भी पूजा कर सकते हैं.

● – बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा का पूजन आपके लिए फलदायी हो सकता है. ऐसे में मूर्ती लेते समय इस बात का खास ध्यान रखें.

● – गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड को वाममुखी गणपति कहा जाता है. कहते हैं वाममुखी गणपति की पूजा करना आसान होता है. जबकि दाईं ओर सूंड वाले गणपति की पूजा के लिए विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है.

● – गणपति की सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा लाना शुभ माना जाता है.

● – अगर आप घर पर गणपति की मूर्ति नहीं ला पाए तो एक साबुत सुपारी को उनकी जगह पर स्थापित कर सकते हैं. सुपारी को गणपति जी का प्रतीक माना जाता है.

● - गणेश जी के आगमन पर शंख और घंटी बजाकर उनका स्वागत करना चाहिए. इसके बाद एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें विराजमान करना चाहिए. इसके साथ ही दूर्वा और पान के पत्ते को गंगाजल में भिगोकर उन्हें स्नान कराना चाहिए.