* धनतेरस दीपावली के पांच प्रमुख दिनों में से एक है
* धनतेरस दीपावली का पहला दिन होता है जो दीपावली से 2 दिन पहले मनाया जाता है
* कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है
* हिंदू मान्यताओं के अनुसार धन्वन्तरि भगवान विष्णु के अवतार है इन्हें देवताओं का चिकित्सक माना जाता है
* भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है
* जैन आगम में धनतेरस को 'धन्य तेरस' या 'ध्यान तेरस' भी कहते हैं
* भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुये दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुये
* धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था भगवान धन्वन्तरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है
* कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है
* इस अवसर पर लोग धनिया के बीज खरीद कर भी घर में रखते हैं दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं
* धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है; जिसके सम्भव न हो पाने पर लोग चांदी के बने बर्तन खरीदते हैं इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है
* भगवान धन्वन्तरि जो चिकित्सा के देवता भी हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है
* लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं
* धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है
* यम देवता ने कहा है कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है
* धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है
* धनतेरस के दिन दीप जलाककर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें भगवान धन्वन्तरी से स्वास्थ और सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें