● अपने घर की तरह आप अपने आप को भी दिवाली पर साफ-सुथरा करें।
● नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। काले और नीले कपड़े ना पहनें।
● कुछ लोग दिवाली पर व्रत भी रखते हैं और लक्ष्मी पूजन के बाद अपना उपवास तोड़ते हैं।
● मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा पूरी श्रद्दा और प्रेम से करें।
● सामर्थ्यनुसार भगवान को चढ़ावा चढ़ाएं वैसे भी ईश्वर तो भक्तों की भक्ति और प्रेम को देखते हैं।
● मां लक्ष्मी को आम तौर पर खीर का भोग और गणपति जी को लड्डू या मोदक का भोग लगता है।
● इस दिन गरीबों को दान दें, हो सके तो ब्राहम्णों को भोजन कराएं।
● मां लक्ष्मी को झाड़ू भी चढ़ाएं।
● कुमकुम से शुभ-लाभ, श्री, स्वस्तिक और ओम के शुभ चिन्ह बनाएं और अपने और अपनों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करें।
● अपने घरों और कार्यस्थलों को गेंदे के फूल और अशोक, आम और केले के पत्तों से सजाएं.
● मांगलिक कलश को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर पूरे, बिना छिलके वाले नारियल से ढक कर रखना शुभ माना जाता है.
● पूजा स्थल की सफाई के बाद दाहिने हाथ की ओर एक उठे हुए चबूतरे पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करें.
● बायीं ओर उठे हुए चबूतरे पर सफेद वस्त्र बिछाकर नवग्रह स्थापित करें और लाल वस्त्र पर षोडश देवी की स्थापना करें.
● दिवाली के दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए.
● घर के दरवाजे पर रंगोली बनाएं.
● दिवाली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करें. गाय का घी शुद्ध माना जाता है.
● खुश रहें और खुशियां बांटें।
क्या ना करें
● शाम के वक्त झाड़ू ना लगाएं, साफ-सफाई का काम सुबह ही करें।
● मिट्टी या चांदी की मूर्तियों को शुभ माना जाता है इसलिए कांच या पीओपी मूर्तियों की पूजा न करें.
● ये माता लक्ष्मी के स्वागत का त्योहार है, इसलिए घर के प्रवेश द्वार पर जूते-चप्पल न रखें.
● पूजा के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग न करें.
● पूजा में तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं.
● ये खुशियों का त्योहार है, इसलिए बहस न करें और न ही घर में नकारात्मक माहौल बनाएं.
● दिवाली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करें. गाय का घी शुद्ध माना जाता है.
● किसी भी प्रकार का नशा न करें।
● जुआ न खेलें।
● निंदा और झगड़ा ना करें।
● परिवार वालों से उलझे नहीं।
● सहवास ना करें।
नोट - उक्त आलेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।