दीपावली के दो दिन बाद आने वाला पर्व भाईदूज : जानते हैं विस्तृत जानकारी


भाई दूज

* भाई दूज हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध त्यौहार है
* भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है
* इसे यम द्वितीया भी कहते हैं
* भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला पर्व है
* यह भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है
* कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया
* वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार संतोष पूर्वक रहे
* उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई
* जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है
* पद्म पुराण में कहा गया है कि कार्तिक शुक्लपक्ष की द्वितीया को पूर्वाह्न में यम की पूजा करके यमुना में स्नान करने वाला मनुष्य यमलोक को नहीं देखता अर्थात उसको मुक्ति प्राप्त हो जाती है
* समझदार लोगों को इस तिथि को अपने घर मुख्य भोजन नहीं करना चाहिए उन्हें अपनी बहन के घर जाकर उन्हीं के हाथ से बने हुए पुष्टिवर्धक भोजन को स्नेह पूर्वक ग्रहण करना चाहिए तथा जितनी बहनें हों उन सबको पूजा और सत्कार के साथ विधिपूर्वक वस्त्र, आभूषण आदि देना चाहिए
* सगी बहन के हाथ का भोजन उत्तम माना गया है उसके अभाव में किसी भी बहन के हाथ का भोजन करना चाहिए
* यदि अपनी बहन न हो तो अपने चाचा या मामा की पुत्री को या माता पिता की बहन को या मौसी की पुत्री या मित्र की बहन को भी बहन मानकर ऐसा करना चाहिए
* बहन को चाहिए कि वह भाई को शुभासन पर बिठाकर उसके हाथ-पैर धुलाये गंधादि से उसका सम्मान करे और दाल-भात, फुलके, कढ़ी, सीरा, पूरी, चूरमा अथवा लड्डू, जलेबी, घेवर आदि (जो भी उपलब्ध हो) यथा सामर्थ्य उत्तम पदार्थों का भोजन कराये
* भाई बहन को अन्न, वस्त्र आदि देकर उससे शुभाशीष प्राप्त करे
* कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है
* कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं
* इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं
* एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं
* रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्‍योहार है जिसे भाई-बहन बेहद उत्‍साह के साथ मनाते हैं
* जहां रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं वहीं भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है
* इस दिन भाइयों को चावल खिलाएं।