नरक चतुर्दशी तिथि (Narak Chaturdashi 2024 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि की शुरुआत बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 को 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन गुरुवार, 31 अक्टूबर 3 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनायी जाएगी.
* यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के देवता हैं
* इनका उल्लेख वेद में भी आता है
* इनकी जुड़वां बहन यमुना (यमी) है
* यमराज, महिषवाहन (भैंसे पर सवार) दण्डधर हैं
* वे जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं
* वे परम भागवत, बारह भागवताचार्यों में हैं
* यमराज दक्षिण दिशा के दिक् पाल कहे जाते हैं और आजकल मृत्यु के देवता माने जाते हैं
* दक्षिण दिशा के इन लोकपाल की संयमनीपुरी समस्त प्राणियों के लिये, जो अशुभकर्मा हैं, बड़ी भयप्रद है
* यम, धर्मराज, मृत्यु, अन्तक, वैवस्वत, काल, सर्वभूतक्षय, औदुभ्बर, दघ्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त - इन चौदह नामों से यमराज की आराधना होती है इन्हीं नामों से इनका तर्पण किया जाता है
* यमराज की पत्नी देवी धुमोरना थी कतिला इनके पुत्र है
* विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से भगवान सूर्य के पुत्र यमराज, श्राद्धदेव मनु और यमुना उत्पन्न हुईं
* धनतेरस के पर्व पर केवल महालक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धनवंतरी की पूजा ही नहीं बल्कि इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती है
* शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के पर्व पर यमराज की पूजा और संध्या के समय दीपदान करने से नरक की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है
* पुराणों के अनुसार, एक बार यमदुत एक राजा को उसकी मृत्यु के बाद नरक के लिए लेने आया। राजा ने यमदूत से कहा कि मैंने ऐसा कौन सा पाप कर दिया है कि जिससे आप मुझे नरक लेकर जा रहे हैं। यमदूत ने बताया कि उसने एक बार ब्राह्मण को अपने द्वार से भूखा लौटा दिया था। राजा ने यमदूत से नरक में जाने के लिए एक वर्ष का समय मांगा, जिसे यमदूत ने दे दिया
* राजा वहां से ऋषि-मुनियों के पास गए और अपनी कहानी उनको बता दी। ऋषियों के कहने पर राजा ने कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को व्रत किया और ब्राह्मणों को भोजन करवाया और उनकी सेवा की। वर्षभर बाद यमदूत राजा को फिर लेने आए, इस बार उसे वह नरक के बजाय विष्णु लोक ले गए। तब से इस दिन यमराज की पूजा की जाती है, उनके नाम का एक दीप जरूर जलाया जाता है।