अगर आपके घर के आसपास है कोई पीपल का पेड़ तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान ?

पीपल के पेड़ से जुड़ी खास बातें

वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में कभी भी पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे उचित नहीं माना जाता. कहते हैं कि अगर ये स्वभाविक रूप से बढ़ता है, तो इसे सावधानी से हटाना चाहिए.

● घर के बाहर पीपल का पौधा उगता है तो उसकी पूजा करें और वहां से निकालकर गमले में लगा दें. पौधे को हटाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधे को हटाते समय उसकी जड़े गलती से न काटें. धार्मिक ग्रंथों में पीपल के पेड़ पर ब्रह्मा का वास माना गया है. घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ भूलकर भी न लगाएं, इससे घर में धन की कमी होती है.

● ध्यान रखें कि इसे पूजन के बाद किसी मंदिर में न रखें. वास्तु के अनुसार पीपल के पेड़ को काटने से जीवन में नकारात्मकता आती है. इससे जीवन में दांपत्य जीवन में भी परेशानी होती है. बच्चों के लिए भी ये नकारात्मक होता है. इतना ही नहीं, शास्त्रों के अनुसार पीपल का पेड़ काटने से पितरों को पीड़ा होती है.

● वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पीपल की छाया आने पर घर की उन्नति में बाधक बनता है. ऐसे में कई तरह की समस्याएं गर में ही जड़ पकड़ लेती हैं.

● बता दें कि वास्तु एक्सपर्ट्स का मानना है कि पीपल का पेड़ अपने चारों तरफ एकांत पैदा करता है. इसलिए किसी भी घर में ये पौधा होने पर वहां के लोगों के जीवन में संकट आता है. और उनकी आयु लंबी नहीं होती.

● पीपल का पेड़ परिवार की वृद्धि के हिसाब से भी अच्छा नहीं माना जाता. वास्तु के अनुसार इससे बच्चों को परेशानी होती है. वहीं, परिवार के विकास में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.


आयुर्वेद के अनुसार पीपल इन बीमारियों में है बेहद उपयोगी -

1 सांस की तकलीफ - सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें। सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा इसके पत्तों का दूध में उबालकर पीने से भी दमा में लाभ होता है। 
2 गैस या कब्ज - इसे पित्‍त नाशक भी माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं में इसका प्रयोग लाभप्रद होता है। इसके ताजे पत्‍तों के रस निकालकर सुबह शाम एक चम्‍मच पीने से पित्‍त के साथ ही समस्याएं भी समाप्त होती हैं।

3  दांतों के लिए - 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गए मंजन का प्रयोग करने से भी दांतों की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

4 विष का प्रभाव - किसी जहरीले जीव-जंतु द्वारा काट लेने पर अगर समय पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं हो, जब पीपल के पत्ते का रस थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाने पर विष का असर कम होने लगता है।

5  त्वचा रोग - त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद, खाज, खुजली में पीपल के कोमल पत्तों को खाने या इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा फोड़े-फुंसी जैसी समस्या होने पर पीपल की छाल का घिसकर लगाने से फायदा होता है। 

6  घाव होने पर - शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रतिदिन इस लेप का प्रयोग करने व पीपल की छाल का लेप करने से घाव जल्दी भर जाता है और जलन भी नहीं होती।  

7 जुकाम - सर्दी-जुकाम जैसी समस्या में भी पीपल लाभदायक होता है। पीपल के पत्तों को छांव में सुखाकर मिश्री के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। 

8  त्वचा के लिए - त्वचा का रंग निखारने के लिए भी पीपल की छाल का लेप या इसके पत्तों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है। पीपल की ताजी जड़ को भिगोकर त्वचा पर इसका लेप करने से झुर्रियां कम होने लगती हैं। 

9  तनाव करे कम - पीपल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसके कोमल पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती है, और बढ़ती उम्र का असर भी कम होता है।

10  नकसीर - नकसीर फूटने की समस्‍या होने पर पीपल के ताजे पत्तों को तोड़कर उसकर रस निकालकर नाक में डालने से बहुत फायदा होता है। इसके अलावा इसके पत्तों को मसलकर सूंघने से भी नकसीर में आराम होता है। 

11 फटी एड़ि‍यां - एड़ि‍यों के फटने की समस्या में भी पीपल आपकी काफी मदद करेगा। फटी हुई एड़ियों पर पीपल के पत्‍तों का दूध निकालकर लगाने से कुछ ही दिनों फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं और तालु नरम पड़ जाते हैं।

12 पीलिया - पीलिया हो जाने पर पीपल के 3-4 नए पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर बनाए गए शरबत को पीना बेहद फायदेमंद होता है। इसे 3-5 दिन तक दिन में दो बार देने से लाभ होता है।

13 हकलाना - पीपल के पके हुए फलों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से हकलाने  की समस्या दूर होती है और वाणी में सुधार होता है।