आइये जानते हैं भारत के चौथे राष्ट्रपति डॉ वी वी गिरी जी के जीवन चरित्र के बारे में

वी वी गिरि
* वाराहगिरि वेंकट गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति थे
* भारत रत्न ' से सम्मानित वी वी गिरि भारत के
> राष्ट्रपति - 24.8.1968 - 24.8.1974
> कार्यवाहक राष्ट्रपति - 3.6.1969 - 20.7.1969
> उपराष्ट्रपति - 13.5.1967 - 3.5.1969
> उत्तर प्रदेश के राज्यपाल - 10.6.1956 – 30.6.1960
> केरल के राज्यपाल - 1.7.1960 – 2 4.1965
> कर्नाटक के राज्यपाल - 2.4.1965 - 13.5.1967
* वी वी गिरि के नाम से विख्यात भारत के चौथे राष्ट्रपति वाराहगिरि वेंकट गिरि का जन्म 10 अगस्त , 1894 को बेहरामपुर ओड़िशा में हुआ था
* इनका संबंध एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार से था
* गिरि के पिता वी वी जोगिआह पंतुलु , बेहरामपुर के एक लोकप्रिय वकील और स्थानीय बार काउंसिल के नेता भी थे
* गिरि की प्रारंभिक शिक्षा इनके गृहनगर बेहरामपुर में ही संपन्न हुई
* यह क़ानून की पढ़ाई करने के लिए आयरलैंड चले गए वहाँ वह डी वलेरा जैसे प्रसिद्ध ब्रिटिश विद्रोही के संपर्क में आये और उनसे प्रभावित होने के बाद आयरलैंड की स्वतंत्रता के लिए चल रहे ' सिन फीन आंदोलन ' से जुड़ गए परिणामस्वरूप आयरलैंड से उन्हें निष्कासित कर दिया गया
* प्रथम विश्व युद्ध के समय 1916 में वह भारत लौट आए और श्रमिक आंदोलन से जुड़ गए
* रेलवे कर्मचारियों के हितों के लिए बंगाल नागपुर रेलवे एसोसिएशन की स्थापना की
* 1934 में इंपीरियल विधानसभा के सदस्य नियुक्त हुए
* 1937 में मद्रास आम चुनाव में विजयी हुए और श्रम एवं उद्योग मंत्रालय में मंत्री नियुक्त हुए लेकिन 1942 म़े इस्तीफा देकर श्रमिक आंदोलन से जुड़ गए
* भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ने के वजह से जेल भी गए
* 1947 में स्वतंत्रता मिलाने पर सिलोन में उच्चायुक्त नियुक्त हुए
* 1952 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और श्रम मंत्री बने
* स्वतंत्रता संग्राम में उत्कृष्ट  योगदान के लिए वी वी गिरि को भारत रत्न से नवाजा गया
* 23 जून 1980 को मद्रास में इनका निधन हुआ
* उच्च कोटि के लेखन क्षमता के साथ-साथ वी वी गिरी अच्छे वक्ता और कुशल राजनीतिज्ञ थे