लू कैसे लगती है ?
अगर आप तेज धूप में या गर्मी वाली हवा में ज्यादा देर तक समय बिताते हैं। और आपका शरीर इतना गर्म तापमान सहन नहीं कर पाती, तब आपको लू लगने की शिकायत हो सकती है। वैसे तो शरीर में मौजूद जो पसीना होता है, वो गर्मी को झेल लेता है। लेकिन अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने पर जब पसीना भी ये काम नहीं कर पाता तो आपको लू लग सकती है।
लू लगने के लक्षण क्या हैं ?
लू का समय रहते इलाज करना जरूरी है, नहीं तो हीटस्ट्रोक का नकारात्मक प्रभाव अत्यधिक हो जाने पर जान जाने का रिस्क हो सकता है। ऐसे में यहां देखें लू लगने पर क्या लक्षण नजर आते हैं -
सिरदर्द
बुखार
डिहाइड्रेशन
पसीना आना बंद हो जाना
शरीर में क्रेम्प आना
कमजोरी लगना
बेहोशी या चक्कर आना
कंफ्यूज होना यानि मानसिक रूप से असंतुलित रहना
धड़कन तेजी से बढ़ जाना
सांसे तेज चलना
तो अगर आपको भी ज्यादा देर गर्मी में घूमने के बाद इस तरह के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं। तो आपको लू लगने का रिस्क हो सकता है। ऐसे में तुरंत इलाज करना अनिवार्य है।
लू लगने से क्या होता है ?
40 पार के तापमान में हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक का रिस्क होता है। अगर एक बार लू आपके शरीर में घुस गई है, तो इससे पूरे शरीर को नुकसान हो सकता है। लू का असर दिमाग, किडनी, लीवर, दिल और मांसपेशियों पर खासतौर से पड़ता है। लू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है और किडनी की अत्यधिक दिक्कत हो सकती है।
करें ये काम 👇🏻
हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी पिएं:
लू के दौरान आपके शरीर से पसीने के माध्यम से सामान्य से अधिक पानी निकल जाता है। सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पियें। अपने शरीर के तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने के लिए अन्य हाइड्रेटिंग तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, ताजे फलों का रस और इलेक्ट्रोलाइट पेय शामिल करें।
हल्के कपड़े पहनें:
सही कपड़े चुनें: सूती या लिनन जैसे सांस लेने योग्य कपड़ों से बने हल्के रंग के, ढीले-ढाले कपड़े चुनें। ये सामग्रियां हवा के संचार और पसीने को सोखकर आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करती हैं।
पीक आवर्स के दौरान घर के अंदर रहें:
सीधे सूर्य के संपर्क में आने से बचें: सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच सूरज सबसे मजबूत होता है। इन घंटों के दौरान घर के अंदर रहने की कोशिश करें। यदि आपको बाहर जाने की आवश्यकता है, तो जब भी संभव हो छाया की तलाश करें और ज़ोरदार गतिविधियों से बचें।
कूलिंग एड्स का उपयोग करें:
पंखे और एयर कंडीशनर का उपयोग करें: सुनिश्चित करें कि आपके रहने का स्थान अच्छी तरह हवादार है। घर के अंदर तापमान कम रखने के लिए पंखे, एयर कंडीशनर या कूलर का उपयोग करें। ठंडे पानी से नहाना या अपनी त्वचा पर नम कपड़े का उपयोग करना भी आपके शरीर के तापमान को कम करने में मदद कर सकता है।
हल्का और ताजा खाएं:
हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थों का विकल्प चुनें: अपने आहार में बहुत सारे फल और सब्जियां शामिल करें, विशेष रूप से खीरे, तरबूज और संतरे जैसे उच्च पानी की मात्रा वाले। भारी, मसालेदार और तले हुए भोजन से बचें क्योंकि ये आपके शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं।
न करें ये काम 👇🏻
अत्यधिक शारीरिक गतिविधि से बचें:
आउटडोर वर्कआउट सीमित करें: तीव्र शारीरिक गतिविधियों से निर्जलीकरण और गर्मी से संबंधित बीमारियाँ हो सकती हैं। यदि आपको व्यायाम करना ही है, तो इसे सुबह जल्दी या देर शाम को करें जब तापमान ठंडा हो।
गर्मी से संबंधित बीमारी के संकेतों को नजरअंदाज न करें:
लक्षणों के बारे में सतर्क रहें: चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, अत्यधिक पसीना और तेज़ नाड़ी जैसे लक्षण गर्मी की थकावट का संकेत दे सकते हैं। यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो ठंडी जगह की तलाश करें, हाइड्रेटेड रहें और आराम करें। तेज बुखार, भ्रम या बेहोशी जैसे गंभीर लक्षणों के लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
कैफीन और अल्कोहल का अधिक सेवन न करें:
मूत्रवर्धक को सीमित करें: कैफीन और अल्कोहल निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं। लू के दौरान कॉफी, चाय और मादक पेय जैसे पेय पदार्थों को सीमित करने का प्रयास करें। इसके बजाय, पानी और हाइड्रेटिंग तरल पदार्थों पर ध्यान दें।
भरी हुई और बंद जगहों से बचें:
हवा का संचार बनाए रखें: बंद, कम हवादार जगहों पर समय बिताने से बचें। ये वातावरण जल्दी ही गर्म और दमघोंटू हो सकता है, जिससे हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। सुनिश्चित करें कि आप जहां भी हों वहां उचित वायु प्रवाह हो।
पार्क किए गए वाहन में किसी को भी न छोड़ें:
कारों में लोगों या पालतू जानवरों को कभी न छोड़ें: पार्क की गई कार के अंदर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों के लिए घातक खतरा पैदा हो सकता है। वाहन में किसी को भी थोड़े समय के लिए भी लावारिस न छोड़ें।