मध्य प्रदेश के प्रशासनिक नक्शे में फेरबदल का प्रस्ताव, 3 नए जिले और एक नया संभाग बनने की तैयारी


मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को फिर से आकार देने की तैयारी में है, जिसके तहत राज्य के जिलों, संभागों और तहसीलों के नए सिरे से सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इस पुनर्गठन में 3 नए जिले और 1 नया संभाग बनाए जाने की योजना है, साथ ही कुछ नई तहसीलें भी बनाई जाएंगी और कुछ मौजूदा तहसीलें दूसरे जिलों में शामिल की जा सकती हैं।

यह निर्णय प्रदेश में बेहतर प्रशासनिक सुविधा और समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सतना जिले की चित्रकूट तहसील 24 नवम्बर 2024 को अस्तित्व में आ जाएगी, इसका नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। इस तहसील का गठन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और लोगों की सुविधा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

पुनर्गठन आयोग का गठन

प्रदेश सरकार ने सितंबर 2024 में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया, जिसमें रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। इस आयोग का उद्देश्य मध्यप्रदेश के जिलों, संभागों और तहसीलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न करना है।
आयोग ने पहले चरण में भोपाल, सागर और ग्वालियर संभागों के जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठकें की हैं। इस महीने के अंत तक बाकी संभागों में भी बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसके बाद जिला स्तर पर इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। रिपोर्ट तैयार होने के बाद यह सरकार को सौंप दी जाएगी, जो अंतिम निर्णय करेगी।

नए जिलों और संभागों की घोषणा:

धार का पीथमपुर: पीथमपुर, जो वर्तमान में इंदौर जिले का हिस्सा है, अब इंदौर संभाग में शामिल किया जाएगा। इससे क्षेत्रीय प्रशासन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

विदिशा का सिरोंज: सिरोंज को विदिशा जिले में शामिल किया जाएगा, जिससे स्थानीय प्रशासनिक कार्यों में बेहतर दक्षता लाई जाएगी।

निमाड़ क्षेत्र का नया संभाग: सरकार निमाड़ क्षेत्र को नया संभाग बनाएगी, जिसमें खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा जिले शामिल होंगे। यह कदम निमाड़ क्षेत्र के विकास को और अधिक प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।
पिपरिया जिला: नर्मदापुरम जिले से अलग होकर पिपरिया एक नया जिला बनेगा, जो क्षेत्र के लोगों के लिए सुविधाएं और प्रशासनिक सेवाओं को बेहतर करेगा।

सीहोर का बुधनी: बुधनी, जो अभी सीहोर जिले में है, अब नर्मदापुरम जिले में शामिल किया जाएगा।
सागर का बिना: सागर जिले का बिना क्षेत्र एक नया जिला बनेगा, जो सागर जिले के पश्चिमी हिस्से को अलग कर एक नए प्रशासनिक ढांचे के तहत काम करेगा।
चित्रकूट तहसील: सतना जिले की चित्रकूट क्षेत्र को एक नई तहसील के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिससे स्थानीय प्रशासन को और सशक्त बनाया जा सके।
बैतूल का मुलताई: बैतूल जिले का मुलताई क्षेत्र अब पांढुर्णा में शामिल किया जाएगा, जिससे इन दोनों क्षेत्रों की प्रशासनिक स्थिति बेहतर होगी।
धार जिले का कुक्षी: धार जिले का कुक्षी क्षेत्र बड़वानी जिले में शामिल किया जाएगा।
जबलपुर संभाग का नरसिंहपुर: नरसिंहपुर जिले को नर्मदापुरम संभाग में शामिल किया जाएगा, जबकि डिंडोरी जिले को शहडोल संभाग में शामिल किया जाएगा।
चित्रकूट तहसील का गठन

सतना जिले की चित्रकूट तहसील का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्रीय प्रशासन के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करेगा। इससे क्षेत्र के नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी और प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।

आयोग की रिपोर्ट और आगामी कदम

आयोग की रिपोर्ट आने के बाद सरकार जिलों और संभागों के नए सीमांकन को लागू करेगी। पुनर्गठन से न केवल प्रशासनिक कामकाजी प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि यह विकास के लिए भी नए रास्ते खोलेगा।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस पुनर्गठन से प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी और विकास योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा सकेगा।